godial sir - धन्यवाद्.. ट्रेन से नहीं छूटे थे शब्द.. कागज से कंप्यूटर तक ट्रान्सफर करने में थोड़ा सा heat loss हो गया... माफ़ी दे दें, सही कर दिया है...
जो सोचकर मैने "लगभग दो दिन" लिखी थी, उसमें मैं असफल हुआ हूँ और जिस दिशा में मैने सोचा था वैसी कोई टिप्पणी नही आई.. तो शायद इसका तीसरा और अंतिम भाग diary में ही रह जाए... मैं माफी चाहता हूँ...
अम्बरीश जी, जीवन के जिस वीरानेपन को आप ट्रेन के माध्यम से उद्घिर्त कर रहे है, वह हम समझ रहे है आप टिप्पणियों पर मत जाइए और तीसरे भाग को भी डायरी से बाहर निकाल डालो !
9 comments:
समझने की जुगत में लगा हूँ.पहली बार इन्जिनियर न होने का दुख साल रहा है. :)
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
मुझे भी पहली बार इंजिनियर न होने का दुःख है..... पर inverse function समझने के बाद.. .. बहुत अच्छी लगी यह कविता...
ऐसी ट्रेन .. बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
और उतरने कोई बचा नहीं,
रुकी है ऐसे स्टेशन,
अम्बरीश जी,
थोड़े से शब्द शायद छूट गए चलती ट्रेन से:
और उतरने "को" कोई बचा नहीं,
रुकी है ऐसे स्टेशन "पर" ,
godial sir - धन्यवाद्.. ट्रेन से नहीं छूटे थे शब्द.. कागज से कंप्यूटर तक ट्रान्सफर करने में थोड़ा सा heat loss हो गया... माफ़ी दे दें, सही कर दिया है...
जो सोचकर मैने "लगभग दो दिन" लिखी थी, उसमें मैं असफल हुआ हूँ और जिस दिशा में मैने सोचा था वैसी कोई टिप्पणी नही आई.. तो शायद इसका तीसरा और अंतिम भाग diary में ही रह जाए... मैं माफी चाहता हूँ...
अम्बरीश जी,
जीवन के जिस वीरानेपन को आप ट्रेन के माध्यम से उद्घिर्त कर रहे है, वह हम समझ रहे है आप टिप्पणियों पर मत जाइए और तीसरे भाग को भी डायरी से बाहर निकाल डालो !
तो लोहे का घर तुम्हे भी भा गया ।
ambuj ji ... aap kripya teesra bhag bhi apni diary se bahar laayen taki ham aur adhik mehsoos kar saken apki abhivyaktion ko .
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