Wednesday, February 03, 2010

कौन क्या भूला !!!

आकाश - hi
अनुष्का - hi 
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अनुष्का - hi बोलकर कहाँ गायब हो गए???
आकाश - तुमने hi के आगे कुछ नहीं लिखा, तो मुझे लगा शायद कुछ काम कर रही हो.
अनुष्का - हाँ. काम तो कर रही हूँ. तो?? 
आकाश - तो क्या?
अनुष्का - हमेशा तो काम करते हुए बात करती ही हूँ. 
आकाश - ह्म्म्म...
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आकाश - ok then, बाद में बात करते हैं. 
अनुष्का - अरे sorry यार. रुको. ये लो काम बंद कर दिया.
आकाश - bbye... take care..
अनुष्का - अरे please रुक जाओ यार..
आकाश - क्या हुआ?
अनुष्का - काम बंद कर दिया. अब बताओ. 
आकाश - क्या बताऊ?
अनुष्का - अरे यार. sorry. sorry. sorry. अब खुश?.. अब तो बोल दो कुछ...
आकाश - ह्म्म्म्म  
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अनुष्का - मैं wait कर रही हूँ...
आकाश - किसका?
अनुष्का - अपनी मौत का!!! तेरे बोलने का और किसका...
आकाश - क्या बोलना है?
अनुष्का - अब ये तो हद है. खुद ही तो ping करते हो और मुझसे पूछ रहे हो कि क्या बोलना है!!!
आकाश - वो तो ऐसे ही..
अनुष्का - मतलब कोई बात नहीं थी?
आकाश - बात का क्या मतलब होता है? रोज तो बिना किसी बात के ही बात करते हैं.
अनुष्का - नहीं कोई बात तो है. 
आकाश - क्या कर रही थी तुम?
अनुष्का - तुम्हारा mood ठीक नहीं लग रहा.
अनुष्का - था कुछ काम.  
आकाश - नहीं तो. mood तो ठीक ही है.. 
अनुष्का - कुछ खास important नहीं है. एक project पर काम चल रहा है, अमन के साथ. 
आकाश - अमन कौन है?
अनुष्का - ये क्या पूछ रहे हो? अमन याद नहीं तुम्हें या एक से ज्यादा अमन को जानते हो.
आकाश - अरे sorry वो click नहीं हुआ दिमाग में कि अमन की बात कर रही हो.
अनुष्का - अमन को भूल गए??
आकाश - हाँ हाँ ठीक है.. पता है.. इतनी बार क्यों बता रही हो.. वैसे भी, कौन क्या भूल रहा है, किसे पता है!!!
अनुष्का - क्या हुआ है? तेरी तबियत तो ठीक है?
आकाश - हाँ..
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अनुष्का- फिर problem क्या है? 
आकाश - कुछ भी तो नहीं..
अनुष्का - तुम upset क्यों हो?
आकाश - नहीं तो?
अनुष्का - तुम हो upset..
आकाश - अरे नहीं हूँ समझती क्यों नहीं..
अनुष्का - मुझसे झूठ बोल रहे हो? बोल पाओगे?
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अनुष्का - कहाँ चले जाते हो बीच बीच में?
आकाश - कहीं नहीं. 
अनुष्का - तो फिर बोलो ना क्या बात है.
आकाश - कहा तो कोई बात नहीं है. तुम project का काम कर लो.
अनुष्का - क्या project मेरे लिए इतना important है!!! तुम से बात कर लें, project तो होता रहेगा...
आकाश - ह्म्म्म्म्म्म 
अनुष्का - इतनी बड़ी बात पर सिर्फ ह्म्म्म्म???
आकाश - तो और क्या सुनना है तुझे?
अनुष्का - चलो ठीक है. अब ये तो बताओ की हुआ क्या है. upset क्यों हो?
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आकाश - फ़ोन क्यों कर रही हो?
अनुष्का - तुम upset हो, reply नहीं कर रहे तो सोचा फ़ोन कर लूँ.. receive क्यों नहीं किया..
आकाश - तेरे पैसे बर्बाद हो जाते.
अनुष्का - अब पैसे कहाँ से आ गए? 
आकाश - ठीक है जाने दो. online हूँ ही तो फ़ोन पर क्यों बात करें?
अनुष्का - तेरी आवाज़ सुननी  है. 
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अनुष्का - कुछ बोल ना. मुझे तुझसे बात करके तेरा mood सही करना है..
आकाश - upset upset बोल कर mood और ख़राब क्यों कर रही हो?
अनुष्का - क्योंकि तुने ping करने की गलती की!!!
अनुष्का - ठीक है, ये तो बता ही सकते हो कि आजकल क्या चल रहा है..
आकाश - मेरे दिमाग  को  छोड़कर सब कुछ.
अनुष्का - अरे वो तो ख़राब हो गया है, चलेगा  कैसे!!!
आकाश - ह्म्म्म्म्म...  
अनुष्का - बता ना. क्या चल रहा है.
आकाश - सब ठीक चल रहा है. nothing special...
अनुष्का - ठीक है. और कुछ?
आकाश - नहीं और कुछ नहीं, तुम जाओ और अपना काम करो अब. तेरी presentation कब है?
अनुष्का - कल.
आकाश - कल तो मतलब आज हो गया ना. 12:30 हो गए. 
अनुष्का - हाँ वही  मतलब. आज.
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आकाश - कल date क्या है? मेरा मतलब है अब आज...
अनुष्का - 25 oct
अनुष्का - ohh sorry यार.
अनुष्का - belated happy birthday.
अनुष्का - sorry यार. पता नहीं कैसे याद नहीं रहा. really sorry यार.
अनुष्का - sorry यार. उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ कैसे भूल गयी मैं!!!! 
अनुष्का - there?

52 comments:

Mahfooz Ali said...

bahut achch a hai...... yeh art sabko nahi aati.....bilkul likho part 2.....

Mishra Pankaj said...

यार भाई मै तो चैटिंग करता नहीं पर आपने बहुत ही सुन्दर रूपरेखा से तैयार किया है ......

Mishra Pankaj said...

पार्ट 2
जरूर प्रस्तुत करिए

'अदा' said...

Humm !!
Chatting !!
Darpan ke blog par bhi dekho usne bhi likha hai...
Bahut accha likha hai...aur doosra, teesra sab part likho..
Ye likhna asaan nahi hai..
VERY GOOD...
KEEP UP THE GOOD WORK !!
didi

अर्कजेश said...

लिखते रहिये चैटिंग के श्वेत श्याम पक्ष को समाहित करते हुए ।

आने वाले समय में शायद यह भी अभिव्यक्ति की एक विधा बन जाए ।

Satya.... a vagrant said...

waiting for the release of sequel.

Pandit Kishore Ji said...

part two zaroor likhe behad pasand aaya
http/jyotisjkishore.blogspot.com

ललित शर्मा said...

बहुत बढिया शैली पसंद आई,आगे भी लिखे, स्वागत है
आप का स्वागत करते हुए मैं बहुत ही गौरवान्वित हूँ कि आपने ब्लॉग जगत मेंपदार्पण किया है. आप ब्लॉग जगत को अपने सार्थक लेखन कार्य से आलोकित करेंगे. इसी आशा के साथ आपको बधाई.
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत हैं,
http://lalitdotcom.blogspot.com

संजय भास्कर said...

बहुत बढिया शैली पसंद आई,आगे भी लिखे, स्वागत है


बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.

SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

shadab said...

yaar bahut khub hai, but usse bhi jayada achhi aapki profile ki layout hai.

योगेन्द्र मौदगिल said...

बीत गये दिन बीती रात
फिसले लम्हे गुजरी बात
शुभकामनाएं......

अम्बरीश अम्बुज said...

utsaahvardhan ke liye shukraguzar hun aap sab ka..
@lalit ji - blog jagat mein padarpan to hamne bahut pahle kiya. ye mera teesra blog hai..
guzaarish hai ki yahan jakar dekhein..

http://ambarishambuj.blogspot.com

अजय कुमार said...

blog jagat me swagat aur shubhkamnaye

नारदमुनि said...

aap ne to gajab kar diya.narayan narayan

डॉ .अनुराग said...

लिखो यार ...

गौतम राजरिशी said...

दिलचस्प है अम्बुज...अभी-अभी दर्पण ने अपने ब्लौग "प्राची के पार" पे भी कुछ ऐसा ही प्रयोग किया था।

तुमने अंत तक रोचकता बरकरार रखी है और देख लो लोग सिक्वेल की भी माँग कर रहे हैं।
keep it up n carry on...

Amit K Sagar said...

चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. लेखन के द्वारा बहुत कुछ सार्थक करें, मेरी शुभकामनाएं.
---

दोस्ती पर उठे हैं कई सवाल- क्या आप किसी के दोस्त नहीं? पधारें- (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]

Niraj said...

haan yar story ko aadhe pe end mat karo ...so must bring its part2

Yugal Mehra said...

बहुत अच्छा लेख है। ब्लाग जगत मैं स्वागतम्।
http://myrajasthan.blogspot.com

sanjaygrover said...

हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.....
इधर से गुज़रा था, सोचा सलाम करता चलूं
www.samwaadghar.blogspot.com

डॉ. राधेश्याम शुक्ल said...

part 2 ka intjar hai.

दर्पण साह 'दर्शन' said...

ambuj.ambarishका नया स्थिति संदेश - सब भिजवा दो, मेरा वो सामन लौटा दो... http://ambarishambuj.blogspot.com 5:41 PM
ambuj.ambarishका नया स्थिति संदेश - तुम नहीं, ग़म नहीं, शराब नहीं... ऐसी तन्हाई का जवाब नहीं... http://ambarishambuj.blogspot.com 5:41 PM
ambuj.ambarishका नया स्थिति संदेश - meri laash ke pahloo mein, wo apna khanjar bhul gaye... http://ambarishambuj.blogspot.com 5:42 PM

*Good* ; _Very Good_ ; &keep it up&

:)


Sahi hai bhai !! lage raho !!
...waiting for the sequal Kaun Kya bhoola Raloaded

VIVEK SACHAN"Aviral" said...

thanx 4 vistng n gve cmplmnt
apka flot of words is very nice

radhasaxena said...

good one.

रचना गौड़ ’भारती’ said...

लिखते रहिए । शुभकामनाएं ।

हरकीरत ' हीर' said...

belated बधाई ....!!

पी.सी.गोदियाल said...

अमरीश जी बहुत सुन्दर, ब्लॉग्गिंग की यह नई स्टाइल भी पसंद आई ! मेरे ब्लॉग पर अगर आपने मजाक न किया हो तो आपको बतान उचित समझता हूँ कि साकी का मतलब है जो मधुबाला मयखाने में शराब परोसती है !और अगर मजाक किया हो please अन्यथा न लेना !

अम्बरीश अम्बुज said...

पी.सी.गोदियाल said...
अमरीश जी बहुत सुन्दर, ब्लॉग्गिंग की यह नई स्टाइल भी पसंद आई ! मेरे ब्लॉग पर अगर आपने मजाक न किया हो तो आपको बतान उचित समझता हूँ कि साकी का मतलब है जो मधुबाला मयखाने में शराब परोसती है !और अगर मजाक किया हो please अन्यथा न लेना !
maaf kijiyega sir, mera naam ambarish hai....
majak nahi kiya tha sir... maine wahi meaning samajh kar "saki" kaha tha... agar "shaki" ka koi aur meaning ho to kripya samjhaane ka kasht karein..

पी.सी.गोदियाल said...

अम्बरीश जी सर्वप्रथम आपके नाम को गलत पढने के लिए क्षमा ! पहले मैं आपकी बात का मतलब ठीक से नहीं समझ पाया था, मैं समझा कि आप 'सखी' शब्द इस्तेमाल करने को कह रहे है ! आप बिलकुल सही है सही शब्द "साकी"(पिलाने वाली) होना चाहिए न कि "शाकी" (शिकायत करने वाली) , लेकिन अक्सर लोग इन दो शब्दों में इतना भेद नहीं करते और वही गलती मैंने की ! आपके सजेशन के लिए आपका हार्दिक शुक्रिया और मैंने गलती सुधार ली है !

अभी-अभी अजय जी ने भी मेरी एक और गलती का सुधार किया है मैंने शुरूर (सेम मिस्टेक) शब्द इस्तेमाल किया था जबकि सहे शब्द "सुरूर" है ! आप लोगो के इस सहयोग की आगे भी अपेक्षा !

बेचैन आत्मा said...

नया विषय नया अंदाज
पार्ट-२ जरूर लिखें

प्रसन्न वदन चतुर्वेदी said...

part -2 ka intzaar to rahegaa hi......achchhi prastuti....

अमिताभ श्रीवास्तव said...

wah, bahut khoob.
achcha lagaa aapka yah nayaa pryog.
chahunga likhte rahiye..

padmja sharma said...

लिखने के लिए पूछना क्या ? लिखते रहिए .....

ताऊ रामपुरिया said...

बेहद प्रभावशाली. शुभकामनाएं.

रामराम.

करण समस्तीपुरी said...

abhinav evam adbhut !
badhaaee !!

प्रदीप कुमार said...

bahut achha blogf bhi matter bhi.

चंदन कुमार झा said...

ओह जी पढ़कर मजा आ गया । गजबे लिखे हो यार !!!!
हम भी सोच रहे है हाथ आजमा हीं ले इस नयी विधा में । और ई अक्टूबर से दिसम्बर हो गया और पार्ट-2 का कौनो अता पता नाहीं । ई गलत बात है भैया । हमको पता है आपकी परिक्षायें चल रही है । चलिये शुभकामनायें । :)

"Darshan" said...

क्या जोर का मारा आखिर में ! :)

परिपक्वता नज़र आती है यार ! उम्र के हिसाब से काफी गज़ब लिखा है :) !

Good job !!

KAVITA RAWAT said...

Aapka naya andaaj bahut achha laga. Yahi to achha lagta hai blog par koi bandhan nahi. Mujhe bahut achhe lagte hai yaise likhak jo apni baat befikri se karte hai.
Bahut badhai. Likhte rahiye.

Suman said...

nice

shama said...

Zaroor likhen agla hissa!

nasa said...

phaad ambuj...
phoda...
bt story seems bit familiar...
;)

वन्दना अवस्थी दुबे said...

वाह. शानदार है ये प्रयोग.

संजय भास्कर said...

बहुत अच्छा लेख है।

psingh said...

nice chating
tahanks

uManIdhI said...

seriously... it is as if u hav copy pasted a chat...
nice work...

संजय भास्कर said...

nice.........

अम्बरीश अम्बुज said...

part 2 lagaya to tha.. aaj idhar aakar dekha to nahi hai... dubaara laga dunga, jaldi hi...

Quiescent said...

this is a very nice post.. full 5 stars..

शरद कोकास said...

मैने और गिरिजेश जी ने इसी तरह चैट की जुगलबन्दी मे एक गज़ल लिख डाली थी । सम्वाद शैली में यह रचना अच्छी लगी ।।

NK said...

The estimation of the heights of patience can be clearly understood by this. You've been doing great ever since. Keep it up !

Anonymous said...

Hi! Would you mind if I share your blog with my facebook group? There's a lot of people that I think would really appreciate your content. Please let me know. Many thanks