काश कुछ लम्हे ज़िंदगी के,
हो पाते Shift+Delete,
Text messages की तरह…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि रियल लाइफ में भी,
अच्छी लगती sad stories,
गीतों ग़ज़लों की तरह…
अच्छी लगती sad stories,
गीतों ग़ज़लों की तरह…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
आसमान में टूटा चाँद देखकर,
आया दिल में एक नेक ख़याल,
काश कि होता कोई product "FeviMoon"…
काश कि होता कोई product "FeviMoon"…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
सबको मिलता है trial version,
काश होता full version ज़िंदगी का,
और हम fake license key बना पाते…
काश होता full version ज़िंदगी का,
और हम fake license key बना पाते…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
होता कोई option ज़िंदगी में,
format या system clean-up का,
काश हमें unlimited memory ना मिलती…
format या system clean-up का,
काश हमें unlimited memory ना मिलती…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि पसंद ना आने पर,
कोई update ज़िंदगी का कर पाते,
uninstall या फिर system restore…
कोई update ज़िंदगी का कर पाते,
uninstall या फिर system restore…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि एक ही click में,
हो जाते autocorrect,
ज़िंदगी के सारे syntax errors…
हो जाते autocorrect,
ज़िंदगी के सारे syntax errors…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
ग़लतियाँ करके भी मिटा पाते,
काश कि ज़िंदगी के canvas में,
कोई eraser, कोई undo होता…
काश कि ज़िंदगी के canvas में,
कोई eraser, कोई undo होता…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि होता कोई conservative field,
और हो पाती ज़िंदगी में भी,
कुछ reversible processes…
और हो पाती ज़िंदगी में भी,
कुछ reversible processes…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि minimize हो पाते,
Unwanted variations ज़िंदगी के,
किसी low, high या band fielter से…
Unwanted variations ज़िंदगी के,
किसी low, high या band fielter से…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि कम कर पाता,
ज़िंदगी की vibrations को,
कोई proper isolation system…
ज़िंदगी की vibrations को,
कोई proper isolation system…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश ना आता कोई obstacle,
flow को turbulent बनाने,
या उसे neglect कर पाते…
flow को turbulent बनाने,
या उसे neglect कर पाते…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
काश कि पता होते हमें,
हर outcome के required events,
और हो पाती reverse engineering…
हर outcome के required events,
और हो पाती reverse engineering…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
कितनी आसान हो जाती ज़िंदगी,
बिल्कुल engineering की तरह,
पता जो हमें sorce code होता…
बिल्कुल engineering की तरह,
पता जो हमें sorce code होता…
काश कि engineering की तरह
इतनी आसान हो पाती ज़िंदगी,
या फिर हम engineering student ना होते...
इतनी आसान हो पाती ज़िंदगी,
या फिर हम engineering student ना होते...
21 comments:
अरे बाप रे इतने सारे 'काश' !!!
और हम कहते हैं कि काश तुम इन सारे 'काश' को दरकिनार कर दो....एक बहुत खूबसूरत सी ज़िन्दगी तुम्हारा इंतज़ार कर रही है...देखो तो ..:!!! ):)
दीदी..
कविता बहुत सुन्दर लिखी है तुमने...नया प्रयोग ..बहुत अच्छा लगा..
सच कहा अम्बरीश... अभी दसविदानिया देख रहा था... उसके बाद ये कविता बिलकुल प्रासंगिक लगी....
बहुत अच्छा प्रयोग..
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
जय हिंद...
सटीक रचना!
यह compuकविता और angloहिन्दी अभिव्यक्ति काफ़ी अच्छी लगी!
engineering se itani frustration :O
it has given u many things dear,think about them and be happy :)
भाई कविता अच्छी बन पडी है , पेज बैकग्राउंड का कलर चेंज कर दें बढिया रहेगा , आंखो में चूभ रहा है ।
काश कि एक ही click में,
हो जाते autocorrect,
ज़िंदगी के सारे syntax errors…
मगर ये ज़िंदगी है, चलती रहेगी
सबसे बड़ी बिडम्बना तो यही है अम्बरीश भाई ! बहुत सुन्दर उकेरा आपने हर दुखड़े को कविता में !
काश...कैसा शब्द है ना ये!
"काश हमें unlimited memory ना मिलती…"
सचमुच!!!
बहुत अच्छा प्रयोग है अम्बुज....
Waw Its very nice dear !
ha ha good one ...others are understanding it but engineers can feel it...aur agar IT waale hain to bas wo to waah waah ki karenge :)...keep it up !!!
बहुत अच्छा प्रयोग है अम्बुज....
Very Nice poem ....
वाह बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ! इस लाजवाब और उम्दा रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!
Are bhai aapko apni kavita ke liye abhi editor ka naya version nahi mila kya ,latest version aa gaya h 4.2
osm poem...
काश कि minimize हो पाते,
Unwanted variations ज़िंदगी के,
किसी low, high या band fielter से…
wow....wat a thought
Kaash ek din ke liye hi sahi
engineering badal jaaye hamari
past, present, future set kar de apna
Kaash Uninstall option active rahe
यह प्रयोग अच्छा लगा
यह प्रयोग बहुत शानदार लगा.... very creative......
नोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....
gazab likhe ho bhaiyaa
भाई कविता अच्छी बन पडी है ,
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