सोचने बैठता हूँ तो,
कभी कभी लगता है जैसे,
लगता है जैसे तुमको,
महसूस हो रहा हो वो सब,
वो सब जो मैने सोचा, चाहा,
देखा, सुना या देखना सुनना चाहा...
जबकि मैं ये जानता हूँ कि,
कोई न्यूरल कनेक्शन नहीं,
ना ही कुछ ब्लूटूथ के जैसा है...
फिर भी कभी कभी,
कभी कभी लगता है जैसे,
जैसे ब्रेन के सिवा भी,
और कनेक्शन्स हो सकते हैं...
12 comments:
Neural Network hoga boss!! :) AI ka zamana hai :D
बड़ा गहरा सोचा..जरुर होगा कोई न कोई और कनेक्शन!
gahri soch !
ऐसे कनेक्शन को शायद टेलीपेथि तो नही कहते ....
बहुत ही गहरी रचना ...
कभी-कभी नहीं हमेशा ही इतनी भावपूर्ण रचनाएं प्रस्तुत करते रहें।
aapki rachnaon ka apna nirala andaj hai, main vismayvimugdh padhti hun
कनेक्शन और भी हैं.....
aaj pehli bar padha. bahut accha likhte ho.
कनेक्शन तो वाकई बडा गहरा है…………सुन्दर रचना है।
mitra srahaniya hai yaha bhi aye
wah boss ...
good poem with good connection ...
http://ravikavisisodia.blogspot.in/
Post a Comment