Thursday, April 15, 2010

कनेक्शन्स कैसे कैसे !!!

सोचने बैठता हूँ तो,
कभी कभी लगता है जैसे,
लगता है जैसे तुमको,
महसूस हो रहा हो वो सब,
वो सब जो मैने सोचा, चाहा,
देखा, सुना या देखना सुनना चाहा...

जबकि मैं ये जानता हूँ कि,
कोई न्यूरल कनेक्शन नहीं,
ना ही कुछ ब्लूटूथ के जैसा है...

फिर भी कभी कभी,
कभी कभी लगता है जैसे,
जैसे ब्रेन के सिवा भी,
और कनेक्शन्स हो सकते हैं...