Thursday, August 27, 2009

स्वप्न

दिन आज का है सबसे खूबसूरत अपने लिए,
सपने में ही सही, तुम हमारे पास तो आए...
दिल कहता है इस सपने में जीता रह,
पर क्यों न इसे हकीक़त बनाया जाए...



2 comments:

Chandan Kumar Jha said...

वाह !!!!! बहुत खूब, सुन्दर रचना के लिये बधाई.

Ambarish said...

shukriya..