Friday, August 14, 2009

इंतजार

अब ख़तम ये मेरी परीक्षा हो,
लम्बा ये बहुत इंतजार हुआ...

की थी इक कोशिश अरसे बाद,
उनसे कुछ बातें कहने की...
लब खामोश रह गए फिर आज,
आदत न गयी चुप रहने की...

इधर उधर की बातें की पर,
वो कह नहीं पाए जो कहना था...
बात की ही क्यूँ आखिर मैंने,
गर मुझे चुप ही रहना था...

डर इस बात का नहीं की उनको,
पा लूँगा या फिर खो दूंगा...
पर खो दिया गर उनको तो मैं,
किसी और का भी हो न सकूँगा...

रात बीत रही मेरी इसी सोच में,
समझा रहा हूँ मैं खुद को...
होता तभी है कुछ भी यहाँ,
होना होता है जब उसको...

वक़्त आये जल्दी ही अपना,
इतनी सी है उससे मेरी दुआ...
अब ख़तम ये मेरी परीक्षा हो,
लम्बा ये बहुत इंतजार हुआ...

5 comments:

Unknown said...

khud likhi hain ya copy maari hain?

Ambarish said...

@sajal - purani wali bhi padh... pata chal jayega...
main school life se likh raha hun bhai....

@chandan - shukriya..

Chandan Kumar Jha said...

I have gone through your another blog(english)......liked the last post (ant and grasshopper)......try to republish that post in hindi....will be a nice post.Thanks

One more thing please remove the word verification.....then it will be easy to comment.

Meraj Ahmad said...

बधाई ! आप का काम तो उच्चकोटि का है ही,संभावनायें असीम हैं।

http://samaysrijan.blogspot.com

http://swarsrijan.blogspot.com

Ambarish said...

@ hitendra, meraj - dhanyawad ..
@chandan - even i was thinking about publishing that in hindi.. and i'm removing word verification..