झूम उठा मेरा जहान,
तुम जो मिलने आई मुझे,
काश ये ख्वाब नहीं हकीक़त होता...
ठहर न पाए आँखों में,
निकल गए आंसू सारे,
तुम जो बसे हो इन आँखों में...
एक समंदर सा बना डाला,
इन आंसुओं का हमने देखो,
स्टॉक बहुत बड़ा है आंसुओं का...
बहुत रो रहे हैं हम आजकल,
सुना है आंसू नमकीन होते हैं,
तभी तो समंदर खारा हो गया है...
कितनी ही बोतल पी गया,
तेरे बिछड़ने के बाद,
चीज कमाल है बिसलेरी भी...
11 comments:
Sundar prayas hai Ambuj, ek mazedar rachna ban padi hai..nayapan bhaya hai.. :)
बढिया प्रयोग है !!
"कितनी ही बोतल पी गया,
तेरे बिछड़ने के बाद,
चीज कमाल है बिसलेरी भी..."
शुक्र है !
कितनी ही बोतल पी गया,
तेरे बिछड़ने के बाद,
चीज कमाल है बिसलेरी भी...
बहुत खूब -- सुन्दर प्रयोग
bisleri ke saath bhaw bhi kamaal ke hain
यह तो ऐसा हो गया "हमने आपकी याद में रो रोके टब भर दिए और आप आए और नहा कर चल दिए।
प्रयोग आपने किया जरुर, यह अच्छा भी लगा. परन्तु शुरुवात, अंत और शीर्षक में तालमेल की कमी लगी.
इतने आंसू बहाने के बाद, ग़म में बिछड़ने के बाद, बिसलेरी कैसे भली लगेगी. धुप में बहुत पसीना निकलने के बाद बिसलेरी मुझे कमाल की चीज़ लगी है. अगर यह व्यंग्य है तो ठीक ठीक समझ नहीं आ रही. (यह मेरी राय है. आप लिखते रहें... शुभकामनाएं)
मैने तो समझा बिसलेरी की जगह कुछ और......।
कितनी ही बोतल पी गया,
तेरे बिछड़ने के बाद,
चीज कमाल है बिसलेरी भी...
हा-हा-हा .अम्बरीश भाई, खुंदक निकालो तो इस तरह से,बहुत सुन्दर ! !
सुलभ सतरंगी said...
प्रयोग आपने किया जरुर, यह अच्छा भी लगा. परन्तु शुरुवात, अंत और शीर्षक में तालमेल की कमी लगी.
इतने आंसू बहाने के बाद, ग़म में बिछड़ने के बाद, बिसलेरी कैसे भली लगेगी. धुप में बहुत पसीना निकलने के बाद बिसलेरी मुझे कमाल की चीज़ लगी है. अगर यह व्यंग्य है तो ठीक ठीक समझ नहीं आ रही. (यह मेरी राय है. आप लिखते रहें... शुभकामनाएं)
November 8, 2009 11:45 PM
सुलभ जी... शुक्रिया... हाँ ये व्यंग्य ही है!!! ताल-मेल के बारे में मैं सोचता तो नही ज़्यादा.. पर इस केस में कुछ ऐसा है कि शुरुआत की मैने ख्वाब से, बीच में जुदाई का गम डाला और अंत में जो कुछ भी है उसकी व्याख्या में अपने बुद्धिजीवी वर्ग के किसी पाठक से एक्सपेक्ट कर रहा था पर आपने प्रश्न किया है तो बताते चलें कि बिसलेरी पीने से मेरा मतलब ये है कि "i've not lost my ways... i'm not gonna waste my life... i'm back to my normal life..." उम्मीद है आप एक बार फिर अपनी प्रतिक्रिया देंगे...
hummm !!
Bisleri aur aansoo !!
accha....
Bilkul time waste nahi karna hai in bekaar ki baaton mein...
sahi kah rahe ho...
Di..
कितनी ही बोतल पी गया,
तेरे बिछड़ने के बाद,
चीज कमाल है बिसलेरी भी...
waah ambuj aapka tashan to kamaal ja raha hai
Post a Comment