गीत प्यार के सब लिखते हैं,
हम प्यार कर बैठे तो,
ज़माना सुलग उठा...
जीते हो अपनी जिंदगी हर रोज,
एक दिन हमारी जी ली तो,
ज़माना सुलग उठा...
कोई नहीं था बिना जाम के
उस महफिल में,
मैंने थोड़ी छलका दी तो,
ज़माना सुलग उठा...
तुने भी तो था दुपट्टे में मुखड़ा छुपाया,
मैंने तुझे छुपकर देख लिया तो,
ज़माना सुलग उठा...
तुने भी तो है देखा सपना मेरा,
मेरे ख्वाब में तुम आ गयी तो,
ज़माना सुलग उठा...
दिल में तो तेरे भी है मेरा ही नाम,
मैं होठों पर तेरा नाम ले आया तो,
ज़माना सुलग उठा...
नींद तो तेरी आँखों में भी नहीं,
मैं रात भर जगता रहा तो,
ज़माना सुलग उठा...
हम प्यार कर बैठे तो,
ज़माना सुलग उठा...
जीते हो अपनी जिंदगी हर रोज,
एक दिन हमारी जी ली तो,
ज़माना सुलग उठा...
कोई नहीं था बिना जाम के
उस महफिल में,
मैंने थोड़ी छलका दी तो,
ज़माना सुलग उठा...
तुने भी तो था दुपट्टे में मुखड़ा छुपाया,
मैंने तुझे छुपकर देख लिया तो,
ज़माना सुलग उठा...
तुने भी तो है देखा सपना मेरा,
मेरे ख्वाब में तुम आ गयी तो,
ज़माना सुलग उठा...
दिल में तो तेरे भी है मेरा ही नाम,
मैं होठों पर तेरा नाम ले आया तो,
ज़माना सुलग उठा...
नींद तो तेरी आँखों में भी नहीं,
मैं रात भर जगता रहा तो,
ज़माना सुलग उठा...
8 comments:
नींद तो तेरी आँखों में भी नहीं,
मैं रात भर जगता रहा तो,
ज़माना सुलग उठा...
लाजवाब अभिव्यक्ति ।
नींद तो तेरी आँखों में भी नहीं,
मैं रात भर जगता रहा तो,
ज़माना सुलग उठा...
लाजवाब अभिव्यक्ति ।
यह बात ही सुलगने वाली है तो क्या करोगे भाई.........जमाना तो हमेशा से ऐसी ही है ....
इश्क का मामला हमेशा काफी ताजा सा लगता है...
Aapki kavita padh kar kuchh lines yaad aa gayi...
भ्रमर कोई कुमुदिनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमरे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे किस्स सब मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
log to hangaame karte rahenge...aap bhi koshish zaari rakhiyega...
अरे !!
ऐसा क्यूँ हो गया ?
गलत बात है ये ज़माने की...बहुत गलत....
लेकिन कविता !.....बहुत सुन्दर
और अंदाज़ भी अच्छा लगा...
itane shaandaar comment to aapko mil hi chuke hai... aur meri aur se bhi prashansha ke shabd pahle hi mil gaye the.. parantu sabke saamne taarif karne me maja hi kuch aur hai....
kiske liye likhta hai, naam kab batayega....
waah kya baat hai ....bahut khoob...
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