Friday, October 09, 2009

यकीन...

तुम जानो न जानो,
दिल से तुम्हें ही,
हर वक़्त याद करते हैं...

तुम मिलो न मिलो,
दुआ ख़ुशी की तेरी ही,
हम दिल से करते हैं...

तुम आओ न आओ,
ख्वाबो में तुम्हारा ही,
हम इंतजार करते हैं...

क्योंकि...

तुम कहो न कहो,
प्यार है तुझे मुझसे ही,
हम ये यकीन करते हैं...

6 comments:

नीरज गोस्वामी said...

बहुत अच्छी रचना...वाह...
लिखते रहें
नीरज

अनिल कान्त said...

अच्छा लिखा है आपने

Kusum Thakur said...

बहुत अच्छा लिखा है आपने, बधाई!! ऐसे ही लिखते रहिये

दीपक 'मशाल' said...

good going dear.

स्वप्न मञ्जूषा said...

क्योंकि...

तुम कहो न कहो,
प्यार है तुझे मुझसे ही,
हम ये यकीन करते हैं...

waah waah !!!
Ambuj Babu,
ise kahte hain self confidence...
aur wo to hai hi tum mein..
I am impressed !!
Didi

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

तुम मिलो न मिलो,
दुआ ख़ुशी की तेरी ही,
हम दिल से करते हैं...


wah ! bahut achche............


bahut achchi yeh kavita........