कौन कहता है हर शब की सहर होती है, वो जो बिछड़े फ़िर कभी ना मिले...
कागज़ के वो चाँद टुकड़े,जिन्हें आज जला आया हूँ...विरह की वेदना का भावुक वर्णन।
waah bhaai bahut sundar
वाह भाई, बहुत खूब अंदाज है!!
आपके कहने का; बयाँ करने का अन्दाज़ अलग है और बहुत सुन्दर है
अरे वाह अम्बुज बाबू,वो ख़त जो कभी लिखे भी न गए, अपने ठिकाने पहुँच भी गए. पढ़ भी लिए गए और आज काम तमाम भी..बहुत ही रहस्यमयी और रोचक कविता....कल्पना की उड़ान की पराकाष्ठा के क्या कहने...बहुत खूब...
क्या अंदाज़ हैं जनाब के
Waah! bahut hi sunder abhivyakti.........
अम्बूज भाई आज तो बहुत ही गहरे उअतार दिया.......बधाई!
खूबसूरत अहसास ।
kahin wo nazm yaad aa gayi..."Teri khushboo se bhar khat..."sabse badhiya baat ki aapki kavitaaon ka ant jaan le jaata hai......mujhe to lagta hai 'Kuch sapne honge' ya kuch 'yaadein' jo jala di un 'So-called-never-existing-love-letters' ke badle....
chalo is pe comment kar chuka hoon !!thoda HW kum hua !!%Aaghe chaloon%.....Na ye bhi nahi chala !!
badi pyaari kavita hai
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12 comments:
कागज़ के वो चाँद टुकड़े,
जिन्हें आज जला आया हूँ...
विरह की वेदना का भावुक वर्णन।
waah bhaai bahut sundar
वाह भाई, बहुत खूब अंदाज है!!
आपके कहने का; बयाँ करने का अन्दाज़ अलग है और बहुत सुन्दर है
अरे वाह अम्बुज बाबू,
वो ख़त जो कभी लिखे भी न गए, अपने ठिकाने पहुँच भी गए. पढ़ भी लिए गए और आज काम तमाम भी..
बहुत ही रहस्यमयी और रोचक कविता....कल्पना की उड़ान की पराकाष्ठा के क्या कहने...बहुत खूब...
क्या अंदाज़ हैं जनाब के
Waah! bahut hi sunder abhivyakti.........
अम्बूज भाई आज तो बहुत ही गहरे उअतार दिया.......बधाई!
खूबसूरत अहसास ।
kahin wo nazm yaad aa gayi...
"Teri khushboo se bhar khat..."
sabse badhiya baat ki aapki kavitaaon ka ant jaan le jaata hai...
...mujhe to lagta hai 'Kuch sapne honge' ya kuch 'yaadein' jo jala di un 'So-called-never-existing-love-letters' ke badle....
chalo is pe comment kar chuka hoon !!
thoda HW kum hua !!
%Aaghe chaloon%.....
Na ye bhi nahi chala !!
badi pyaari kavita hai
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